यदि एक महिला वजन उठाती है, तो क्या वह एक पुरुष की तरह सुडोल हो जाती है? क्या इससे उसका स्वरूप बदल जाएगा, एक मांसपेशियों से भरा हुआ, बाकी के लोगों की तरह जो जिम में हर भारी उपकरण को जो चाहें, उनके हाथों में आते ही हार्ड कोर वर्कआउट करने लगते हैं? बहुत कम महिलाओं की इच्छा होती है कि वे बल्की और रिप्पड हुए दिखें, लेकिन जो ऐसा नहीं करतीं, वे वज़न का उपयोग करने से बिल्कुल भी परहेज करती हैं।
असलियत में, वेटलिफ्टिंग हर किसी के लिए है। आइए इसे फंक्शनल दृष्टिकोण से देखें। महिलाओं को दरवाजे खोलने या फर्श से कुछ ऊपर उठाने के लिए पुरुषों की तरह ही मांसपेशियों की आवश्यकता होती है। जिन मांसपेशियों को काम में लिया जाता है, वे एक सी ही होती हैं। यह एक सवाल पूछने को प्रेरित करता है:
क्या वेटलिफ्टिंग सिर्फ पुरुषों के लिए होनी चाहिए?
चाहे घर में सिलेंडर उठाना हो या बॉक्स को शेल्फ पर रखना हो, शॉपिंग बैग ले जाना हो, कुर्सी या सोफा घिसकाना हो, इन कार्यों को करने के लिए मांसपेशियों और ताकत की जरूरत होती है। हालांकि ज्यादातर महिलाएं कार्डियो करना पसंद करती हैं, परन्तु उन्हें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और वेटलिफ्टिंग पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि वे इन सभी कार्यों को पुरुषों की तरह ही कुशलता से कर सकें।
क्या वेटलिफ्टिंग वास्तव में महिलाओं को भारी बनाता है?
यह एक मिथक है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से एक महिला को उस तरह का बल्क हासिल नहीं होगा जैसा कि एक पुरुष को मिलता है। उनमें से एक पुरुष हार्मोन है जिसे टेस्टोस्टेरोन कहा जाता है। यह पुरुषों में प्राथमिक सेक्स हार्मोन है लेकिन साथ ही साथ मांसपेशियों का बढ़ाने वाला हार्मोन भी है। पुरुषों को जेनेटिकली रूप से महिलाओं की तुलना में अधिक मांसपेशियों और शारीरिक शक्ति के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ज्यादा से ज्यादा, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से महिलायें को कुछ लीन मसल बढ़ने में और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है। कई महिलाओं को डर होता है कि अगर वे वजन के साथ प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) लेंगी तो वे मर्दाना दिखेंगी लेकिन सच्चाई यह है कि महिलाएं पुरुषों की तरह मांसपेशियां नहीं बना सकती हैं क्योंकि उनके पास पर्याप्त पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन नहीं होता है। इस हार्मोन के स्तरों में अंतर ही मुख्य कारण है जिससे वजन के साथ प्रशिक्षण के बावजूद महिलाओं को भारी मसल्स मास नहीं बनेगा और वह अपने शरीर में बल्क हासिल नहीं कर पाएंगी। वास्तव में, वे दुबली और टोंड दिखेंगी।
यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही सच है कि किसी भी मात्रा में मांसपेशियों के बढ़ने से फैट में कमी होता है और मांसपेशियों में कमी आने से किसी का भी वजन बढ़ जाता है।
वेटलिफ्टिंग से महिलाओं को कैसे फायदा होता है?
सौंदर्यशास्त्र के अलावा, अधिक ताकत होने से आप स्वतंत्र और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं। इसके अलावा और भी कई फायदे मिलते हैं। वेटलिफ्टिंग:
- बॉडी को टोन करता है
- शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है
- पोस्चर में सुधर करता है
- हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है
- त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करता है
- नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है
- शक्ति और सहनशक्ति में सुधार करता है
- तनाव कम करता है
- ऊर्जा के स्तर को बढ़ा देता है
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है
- बढ़ती उम्र से लड़ता है और आपको जवां दिखने में मदद करता है
कौन इन शानदार फायदों से बचना चाहेगा! हमें उम्मीद है कि यह लेख आपकी शंकाओं को दूर करेगा और आपको आज ही वेट ट्रेनिंग आजमाने का फैसला लेने में मदद करेगा! किसी भी मदद के लिए आपको अपनी वजन प्रशिक्षण यात्रा शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है, यहाँ GOQii के पेर्सनलिज़्ड हेल्थ कोचिंग की सदस्यता लेकर किसी विशेषज्ञ से बात करें।
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If a woman lifts weights, does she bulk up like a man would? Will it change her appearance to a more muscular one like those guys at gyms who rip through every piece of heavy equipment they can get their hands on? Very few women desire that bulky or ripped look but those who don’t, tend to avoid using weights at all.
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